प्रख्यात कवि, व्यंग्यकार, लेखक, चिंतक तथा प्रवासी साहित्य के विशेषज्ञ। लंदन विश्वविद्यालय से ट्रांसलेशन स्टडी तथा
हिंदी में एम.ए., राजस्थान विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ जर्नलिज्म तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम.। भारतीय
उच्चायोग लंदन में अताशे (हिंदी एवं संस्कृति) के रूप में कार्य किया। केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में तीन दशकों तक कार्य किया।
कविता संग्रह - 'मोर्चे पर', 'नींद कहां है' प्रकाशित। ब्रिटेन के कवियों का संकलन 'धरती एक पुल' का सम्पादन। हिंदी की
अंतर्राष्ट्रीय संस्था अक्षरम से अध्यक्ष के तौर पर जुड़े रहे। वातायन, यू.के. हिंदी समिति, विश्व हिंदी समिति, विश्व हिंदी
परिषद तथा विश्व हिंदी न्यास द्वारा सम्मानित। निदेशक, भारतीय संस्कृति केंद्र, चांसरी प्रमुख, द्वितीय सचिव, हिंदी,
भारतीय उच्चायोग, सुवा, फीजी रहे। सम्प्रति - दिल्ली में निवास।